Dr MA Khan
Senior Professor & Scientist JNKWW
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My Story
हमारे संपूर्ण भारत के सर्वश्रेष्ठ कृषि विद्यालय के कुलपति आदरणीय बिसेन साहब भूतपूर्व माननीय रजिस्ट्रार साहब डॉ गुप्ता साहब भूतपूर्व अधिष्ठाता एवं संचालक डॉ सीसीबी सिंह साहब एवं आदरणीय समस्त सज्जनों माताओं बहनों आज मुझसे वर्णन नहीं किया जा रहा डॉ अग्रवाल ऐसा लग रहा है जैसे साक्षात इसी तरह हम लोग उनको देखते थे वह ऐसे शख्सियत थे कि 24 घंटे भी कम पड़ जाएंगे इतनी प्रतिभाएं थी जिस तरीके से वह जिस तरीके से वह अपने प्रशासन को चलाते थे अभी अभी क्या हुआ 19 तारीख की बात है उनसे भी अक्सर ऐसा लगता था कि वह मेरे पिता तुल्य थे प्रतिदिन मुझसे कहते थे खान कैसे हो खान कैसे हो एक एक मुख्य द्वार जो मैं वर्णन करना चाहता था वे कहते थे कान अपना सी एस करा लो क्योंकि अपने कृषि विश्वविद्यालय में एक ऐसा कुलपति है डॉ विशेष साहब जो कि इतने सरल इतने सहज इनके रहते-रहते तुम अपना सी एस करा लो सर हमेशा मुझसे कहते थे इनके रहते-रहते करा लो क्योंकि ऐसा कुलपति ना आया था और ना भविष्य में आएगा अपने जो भी काम है इनके रे जिम में करा लो मैंने कहा सर मुझे इसकी आवश्यकता नहीं है जितना मिल गया पर्याप्त है मैंने कहा सर मैं एसोसिएट प्रोफेसर हूं मुझे प्रोफेसर की आवश्यकता नहीं है जितना मिल गया पर्याप्त है बच्चा कृषि विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर हो गया है बच्ची पंतनगर में है मुझे कोई आवश्यकता नहीं है बोले नहीं नहीं पीछे लग जाओ अपना सी एस करा लो मुझसे कहते थे खान तो मुझे फोन नहीं करते हो कभी-कभी तो फोन कर लिया करो मैं 4 4 या 6 दिन व्यस्तता के कारण फोन नहीं कर पाता था वह डांटते थे मुझे क्या मालूम था किस समय का कालचक्र क्या कहने वाला है हमेशा कहते थे की तुम्हें कोई भी काम हो विशेष साहब से तो मुझे जरूर बताना मैंने कहा सर मुझे कोई ऐसा काम नहीं है जो होता है रोज मेरी मुलाकात होती है वही आमने-सामने बात कर लेता हूं
हमारे फूड साइंस विभाग में विभाग के विभागाध्यक्ष के पीछे एक अलमारी रहती थी उसमें पैसा रखा रहता था जैसा कि सिंह साहब ने कहा घंटी बजाई चपरासी को बुलाया जाओ मंगोड़े लेकर आओ उनकी सुहागी में कोई दुकान थी और चाय ले आओ कभी भी हम लोग उनके सामने जेब से पैसा नहीं निकाल सकते थे जबकि हम लोग भी स्टाफ में थे कहते थे नहीं तुम कोई पैसा नहीं दोगे ऐसे थे हमारे जीडी अग्रवाल साहब
बहुत सारे वक्ताओं को अपने विचार व्यक्त करना है मैं माननीय जीडी अग्रवाल साहब को अपने संपूर्ण विश्वविद्यालय की ओर से श्रद्धा सुमन श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और मैं हमेशा हमेशा उनके हक में दुआ करूंगा की ईश्वर उन्हें जन्नत नसीब करें यही मेरा कहना है ओम शांति
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